कोरोना की दहशत के बीच अफवाहों का बाजार भी गर्म है। खासकर सोशल मीडिया पर लोग भांति-भांति की अफवाहें फैलाकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे में जागरूक लोगों का फर्ज बनता है कि वे इन अफवाहों पर लगाम लगाने में अपनी भूमिका निभाएं। ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने अफवाहें फैलाने वाले अराजक लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है। कोतवाली प्रभारी रितेश शाह का कहना है कि उन्हें विभिन्न माध्यमों से ऐसी शिकायतों मिल रही हैं। ऐसे लोगों पर पुलिस बराबर नजर रख रही है। पुलिस ऐसे लोगों को चिहिन्त कर कड़ी कार्रवाई करेगी। शाह का कहना है कि कोरोना के खिलाफ विश्वव्यापी जंग लड़ी जा रही है, जिसमें हर व्यक्ति अपने-अपने ढंग से जिम्मेदारी निभानी चाहिए न कि भ्रामक अफवाहें फैलानी चाहिए।
संकटकाल में करें जरूरतमंदों की मदद
31 मार्च तक समूचा उत्तराखंड ‘लॉकडाउन’ किया गया है। सामान्य तौर पर सभी नागरिक एक-दूसरे से सीधे संपर्क से कट गए हैं। ऐसे में बतौर जागरूक नागरिक आपका-हमारा अपनी पेशेगत भूमिकाओं से इतर यह सामाजिक दायित्व भी बनता है कि हम इस ‘संकटकाल’ अपने आसपास उन लोगों की किसी भी रूप में मदद कर सकें, जिन्हें इसकी आवश्यकता हो। इनमें हमारे समाज के बुजुर्ग, बच्चे, सामाजिक-आर्थिक तौर पर कमजोर और वंचित लोग, अर्थात कोई भी हो सकता है।
क्या कर सकते हैं आप
1- अपने आसपास सजग नजर रखना और अफवाहों के खिलाफ लोगों को जागरूक करना।
2- अपने आसपास किसी भी वृद्ध को मेडिकल हेल्प, दवा अथवा अन्य आवश्यक वस्तु की आवश्यकता होने पर स्वयं अथवा संबंधित क्षेत्र की पुलिस व प्रशासनिक स्तर से मदद पहुंचवाना।
3- अपने आसपास किसी ऐसे बेहद जरूरतमंद परिवार को स्वयंसेवी संस्था अथवा सरकारी एजेंसी के माध्यम से मदद पहुंचवाना, जो काम न होने के कारण आर्थिक संकट से जूझते हुए भोजन की व्यवस्था तक न कर पा रहा हो।
4- कहीं आवश्यक वस्तुओं-दवाओं की कालाबाजारी, जमाखोरी आदि की जानकारी मिलने पर उसके आपस में शेयर करते हुए जरूरी कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसी तक पहुंचाना।
5- अपने आसपास किसी समस्या के उत्पन्न होने पर उसे मीडिया तक पहुंचाकर उजागर करने में मदद करना।
6- मोटे तौर पर इनके अतिरिक्त भी जो कुछ किया जा सकता है, वह इस ग्रुप में शेयर करके जोड़ा जा सकता है।